भीग भीग कर इतने सीम गए हैं
कल के सूरज की ज़रूरत है हमें
हर रिशते के खौफ़ से बेखौफ़ सोए हैं
एक पहर की नींद की ज़रूरत है हमें
दर्द के बढ़ने से खुद बेदर्दी हो गए
हरज़ाई के कत्ल की ज़रूरत है हमें
ज़िन्दा लोग कफ़न में ज़माने के सोए हैं
बस मुर्दों को बदलने की ज़रूरत है हमें
अनजाने सफ़र पर अपने निकल गए हैं
इसकी सफ़ल साधना की ज़रूरत है हमें
गुरुवार, 21 अगस्त 2008
ज़रुरत है हमें
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12 टिप्पणियाँ:
स्वागत ............
ma'm I am not that much good at hindi literature... got thru your blog my a mistake.. but one thine for sure i like it too much. a sleuth to you..
बढिया! रचना जी आजकल नज़र नहीं आ रही सब ठीक तो है न!
बहुत सुन्दर कविता !
apki kavita hume bahut achhi lagi aur hum ummid karte hai ki ap aur achhi achhi kavitayen likhengi.... apka humesha swagat hai mere blog main aur apke bicharo ka..
sankar-shah.blogspot.
best of luck for your hindi poetry ; your poetry has deep imagination and deep reality .
Thanks
Gunjan Kumar
http://kuchbateankahisi.blogspot.com/
http://tanweer-ztechno.blogspot.com/
http://kuchbateankahisi.blogspot.com/
http://www.jobs4alls.blogspot.com/
http://www.gunjan-kumar.blogspot.com
मैम आप https://www.google.com/webmasters/tools/ और् http://www.feedburner.com/ के द्वारा अप्ने वेब्साइट को और भि अछ्छा तरह से लोगो को पहुचा सकती है ; आपकी कविता बहुत हि प्रेर्र्ना देति है ;
धन्यवाद
बहुत हीं सुन्दर प्रस्तुति
गुलमोहर का फूल
achchha hai par shighrata ki gai hai rachne me.
रचना जी
स्नेह अभिवादन
आपके ब्लोग का नया कलेवर अच्छा लगा, बधाई!
कुछ भी कहो जिन्दगी जीने के लिये है. एक धार है नदिया की बह जाने के लिये. कभी कश्ति डगमगाई तो कभी बह गये किनारे
http://sahityasrajan.blogspot.com
नमस्कार,
राजस्थान से नित्य-प्रति अनेक चिट्ठे (ब्लॉग) लिखे जा रहे हैं। हम जैसे अनेक हैं जो उनको पढ़ना चाहते हैं। खासकर चुनिंदा ताजा प्रविष्ठियों को।
परंतु दिक्कत ये आती है कि एक जगह सभी की सूचना उपलब्ध नहीं है। कुछ प्रयास भी इस दिशा में हुए हैं और कुछ चल भी रहे हैं।
हमने 'राजस्थान ब्लॉगर्स' मंच के माध्यम से एक प्रयास आरम्भ किया है। ब्लॉग एग्रीगेटर के रूप में। इसमें आपकी ताजा लिखी पोस्ट दिखेगी, बशर्ते आपका चिट्ठा इससे जुड़ा है।
अगर आप अब तक नहीं जुडे़ तो
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सूचित करें।
नित्य-प्रति हम एक-दूसरे से जुड़ा रहना चाहते हैं। ब्लॉगिंग का विस्तार ही हमारा ध्येय हैं।
सुझाव-सलाह आमंत्रित है।
सादर।
दुलाराम सहारण
चूरू-राजस्थान
www.dularam.blogspot.com
Nice
Vivek Jain
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